सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

middle body

Best Hindi Sad Shayeri 2020

 HINDI SAD SHAYERI

यह रात इतनी तनहा क्यों होती है?
सबको किस्मत से शिकायत क्यों होती है 
किस्मत भी क्या अजीब खेल खेलती है
जिसे पा नहीं सकते उसी से मोहब्बत होती है।



फूलों की हर कली खुशबू दे आपको 
सूरज की हर किरण रोशनी दे आपको 
हम तो कुछ देने के काबिल नहीं
 देने वाला हर खुशी दे आपको।

HINDI SAD SHAYERI


दिल का दरिया समंदर भी होता है।
 प्यार में दोस्त रोना भी पड़ता है।



एक बेवफा के जख्मों पर मरहम लगाने हम गए।
उस मरहम की कसम मरहम ना लगा
 मरहम की जगह मर हम गए।


तंहा रहना सीख लिया हमने
 पर खुश ना रह पाएंगे कभी?
तेरी दूरी तो सह लेते हैं।
पर तेरे प्यार के बिना ना जी पाएंगे कभी?



वक्त हर खुशी आपके गुलाम होंगे।
हर पल हर लम्हा आपके नाम होंगे।
जरा मुड़ कर देखना मेरे प्यार 
आपके हर कदम के नीचे मेरा हाथों का निशान होंगे।


जरूरत ही नहीं अल्फाज की
 प्यार तो चीज है बस एहसास की।
पास होते तो मंजर ही क्या होता
 दूर सही खबर है हमें आपकी हर सांस की।



बहुत दूर पर बहुत पास रहते हो।
 आंखों से दूर पर दिल के पास रहते हो।
 मुझे बस इतना बता दो कि
 तुम भी मेरे बिना उदास रहते हो?



खुदा से कोई बात अंजान नहीं होती।
 इंसान की बंदगी बेईमान नहीं होती।
 कभी तो मांगा होगा हमने एक प्यारा सा रिश्ता 
वरना यूं ही आपके हमसे पहचान नहीं होती।

HINDI SAD SHAYERI



टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

श्री हनुमान चालीसा: Shree Hanuman Chalisa-Shree Ram Bhakt

श्री हनुमान चालीसा श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार जय हनुमान ज्ञान गुन सागर जय कपीस तिहुं लोक उजागर रामदूत अतुलित बल धामा अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा महाबीर बिक्रम बजरंगी कुमति निवार सुमति के संगी कंचन बरन बिराज सुबेसा कानन कुण्डल कुंचित केसा हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै कांधे मूँज जनेउ साजे शंकर सुवन केसरीनंदन तेज प्रताप महा जग वंदन बिद्यावान गुनी अति चातुर राम काज करिबे को आतुर प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया राम लखन सीता मन बसिया सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा बिकट रूप धरि लंक जरावा भीम रूप धरि असुर संहारे रामचंद्र के काज संवारे लाय सजीवन लखन जियाये श्री रघुबीर हरषि उर लाये रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई सहस बदन तुम्हरो जस गावैं अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा नारद सारद सहित अहीसा जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा राम मिलाय राज पद दीन्हा तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना लंकेस्वर भए सब ज...

दिखावे का फल मिल - dikhabe ka fal mila hindi story on self-assessment

दिखावे का फल मिला दिखावे का फल मिला   - मैनेजमेंट की शिक्षा प्राप्त एक युवा नौजवान को बहुत अच्छी नौकरी मिलती है। उन्हें कंपनी की ओर से काम करने के लिए एक अलग केबिन दिया जाता है। जब युवक पहले दिन ऑफिस जाता है और बैठकर अपने शानदार केबिन को निहारता है। तभी दरवाजे पर दस्तक देने की आवाज आती है । दरवाजे पर एक साधारण व्यक्ति रहता है। लेकिन युवक ने उसे अंदर आने के लिए कहने के बजाय उसे आधे घंटे तक बाहर इंतजार करने के लिए कहता है। आधे घंटे के बाद, आदमी फिर से केबिन के अंदर जाने की अनुमति मांगता है। उसे अंदर आते देख युवक टेलीफोन से बात करने लगता है। वह फोन पर बहुत सारे पैसोँ की बातेँ बोलता है। अपनेँ ऐशो – आराम के बारे मेँ कई प्रकार की हाँकनेँ लगता है,  सामने वाला व्यक्ति उसकी सारी बातें सुन रहा है। लेकिन वह युवक फोन पर जोर-जोर से डींग मारता जारी रखता है। जब उसकी बात खत्म हो जाती है, तो वह सामान्य व्यक्ति से पूछता है कि आप यहाँ क्या करने आए हैं? युवक को विनम्रता से देखता हुआ व्यक्ति बोला, “सर, मैं यहाँ टेलीफोन की मरम्मत करने आया हूँ। मुझे खबर मिली है कि जिस टेलीफोन से आप बात कर...

सच्ची मित्रता क्या है - sachi mitrata kya he hindi moral story based on friendship

सच्ची मित्रता क्या है सच्ची मित्रता क्या है - जब वह शाम को दफ्तर से घर लौटा, तो पत्नी ने कहा कि आज तुम्हारे बचपन के दोस्त आए थे। उसे तुरंत दस हजार रुपये की जरूरत थी, मैंने आपके अलमारी से पैसे निकाले और उसे दे दिए। यदि आप कहीं लिखना चाहते हैं, तो इसे लिख लेना। यह सुनकर उसका चेहरा दंग रह गया, उसकी आँखें गीली हो गईं, वह एक बच्चे की तरह हो गया। पत्नी ने देखा - अरे! बात क्या है? क्या मैंने कुछ गलत किया? उनके सामने तुमसे फोन पर पूछने पर उन्हें अच्छा नहीं लगता।  सच्ची मित्रता क्या है - आप सोचेंगे कि मैंने आपसे बिना पूछे यह सारा पैसा कैसे दे दिया। लेकिन मुझे केवल इतना पता था कि वह आपका बचपन का दोस्त है। आप दोनों अच्छे दोस्त हैं, इसलिए मैंने इसे करने की हिम्मत की। यदि कोई गलती हो तो माफ कर दो। मैं दुखी नहीं हूं कि तुमने मेरे दोस्त को पैसे दिए। तुमने सही काम किया है। आपने अपना कर्तव्य निभाया, मुझे इसकी खुशी है। मुझे दुख होता है कि मेरा दोस्त अभाव मैं है,  यह मैं कैसे नहीं समझ सका। सच्ची मित्रता क्या है- उसे दस हजार रुपये की आवश्यकता थी। इस दौरान मैंने उसका हालत के बारे में भी नहीं पूछा...