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जब हवा चलती है-Jab hawa chalti he-best hindi story read once

जब हवा चलती है…. https://pyarastick.blogspot.com/2020/07/bail-aur-hal-best-hindi-story-children.html जब हवा चलती है :- बहुत समय पहले, आइसलैंड के उत्तरी भाग में एक किसान रहता था उसे अपने क्षेत्र में काम करने वालों की बहुत आवश्यकता थी, लेकिन वह इतनी खतरनाक जगह पर कुछ भी करने को तैयार नहीं था, जहाँ वह आएगा। एक दिन किसान ने शहर के अखबार में एक अखबार पोस्ट किया कि उसे खेत में काम करने वाले मजदूर की जरूरत है। कई लोग किसानों से मिलने आए, लेकिन जिस किसी ने भी जगह के बारे में सुना, वह काम करने से इनकार कर देगा आखिरकार, पतली त्वचा वाले एक मध्यम आयु वर्ग के व्यक्ति ने किसान से संपर्क किया किसान ने उससे पूछा, "क्या तुम इस पर काम कर सकते हो?" "हम, जब हवा चलती है तो मैं बस सोता हूं।" आदमी ने जवाब दिया। किसान उसके जवाब से थोड़ा हैरान था, लेकिन उसने आदमी को काम पर रखा क्योंकि उसे कोई और काम नहीं मिला। जब मजदूर मेहनती हो गया, तो उसने सुबह से शाम तक खेत की जुताई की, और किसान इससे संतुष्ट हो गया। कुछ दिनों बाद, एक रात, हवा बहने लगी और किसान को अपने अनुभव से पता चला कि तूफान आ रहा

भगवान कहाँ हैं-Bhagban kanha he-best story must read learn something

भगवान कहाँ हैं ? https://pyarastick.blogspot.com/2020/07/pariwartan-prakrutika-niyam-jibanka.html भगवान कहाँ हैं:- हमेशा की तरह, एक आदमी अपने बाल काटने गया। बाल कटवाने के दौरान, देश और दुनिया के बारे में बहुत सारी बातें हुईं ... आज भी, वे फिल्मों, राजनीति और खेल की दुनिया आदि के बारे में बात कर रहे थे, अचानक, भगवान के अस्तित्व के बारे में बात कर रहे थे। बाराबती ने कहा, "देखो भाई, मैं भी तुम्हारी तरह ईश्वर के अस्तित्व में विश्वास नहीं करती।"  उस आदमी ने पूछा, "आप ऐसा क्यों कह रहे हैं?" "अरे, यह समझना बहुत आसान है, बस सड़क पर चलें और आप समझ जाएंगे कि कोई भगवान नहीं है। मुझे बताएं कि अगर कोई  होता, तो इनमें से कई लोग बीमार होते? कितने बच्चे अनाथ होते? अगर भगवान होते।" बाराबती ने कहा, "मैं एक भगवान के बारे में नहीं सोच सकती जो सब कुछ होने देगा। " बताओ भगवान कहाँ है उस आदमी ने एक पल के लिए रुका, कुछ सोचा, लेकिन बहस नहीं हुई, इसलिए वह चुप रहा। बारातियों ने काम खत्म किया और वह आदमी कुछ सोचकर दुकान से बाहर आया । थोड़ी देर बाद, उन्होंने सरसों के साथ एक म

तुम मेरे लायक नहीं-Tum mere layak nahi hindi story must read

तुम मेरे लायक नहीं https://pyarastick.blogspot.com/2020/07/pariwartan-prakrutika-niyam-jibanka.html तुम मेरे लायक नहीं:- श्रुति की आंखों के आगे अंधेरा सा आ गया था वो यकीन नहीं कर पा रही थी कि ऐसा उसके साथ हो रहा है। "मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मैं इतना खुशकिस्मत भी हूँ, मुझे कोई इतना भी चाहता है।" श्रुति ने जब अपने हाथ से बनाई स्क्रैप बुक अखिल को उसके जन्मदिन पर गिफ्ट की तो अखिल देखता ही रह गया फिर उसने श्रुति को गले लगा लिया, कहने को उनकी अरेंज मैरिज हो रही थी, पर दोनों का प्यार देख ऐसा लगता था कि ये कई जन्मों का बंधन है। श्रुति अपने डॉक्टर माँ-पापा की डॉक्टर बेटी थी, बचपन से ही मेधावी। माँ-पापा की इकलौती लाडली बेटी। उसके पापा का सपना था कि वो भी डॉक्टर बने उसने भी अपने पापा का सपना पूरा किया। श्रुति की शादी लायक उम्र हुई तो माँ-पापा ने सुयोग्य वर देखना शुरू किया, उसके पिता की यही इच्छा थी कि लड़का भी डॉक्टर हो ताकि वो इस पेशे की व्यस्तता को समझ सके। एक मैट्रीमोनी साइट पर श्रुति और उसके पिता ने अखिल का प्रोफाइल देखा, अखिल भी डॉक्टर था और उसकी भी यही इच्छा थी कि उसकी होने वा

परिवर्तन Pariwartan prakrutika niyam jibanka adhar hindi story

परिवर्तन प्रकृति का नियम और जीवन का आधार https://pyarastick.blogspot.com/2020/07/bail-aur-hal-best-hindi-story-children.html परिवर्तन :- नीलिमा जब से मेरी जिंदगी में आई, जब से मैंने देखा कि उसे सजने संवरने का, मौज- मस्ती का, खर्चे का बहुत शौक रहा है। अपनी जिंदगी को बहुत ही जिंदादिली से जीना चाहती थी नीलिमा। आज भी याद है मुझे जब पहली बार मैं उससे मिला था ... तो भी उसने बहुत ही स्टाइलिश ड्रेस, वैसे ही मैचिंग जूते, श्रृंगार की चीजें पहनी हुई थी, लेकिन सलीके के साथ। बहुत सुंदर लग रही थी वह। उसके बाद मुलाकातों का दौर शुरू हुआ, और जितना मैंने उसे जाना बहुत ही बिंदास लड़की थी, लेकिन अपनी मर्यादाओं का पालन भी उसी शिद्दत के साथ करती थी। अपनी पसंद और अपनी इच्छाओं को भी साथ- साथ लेकर चलती थी। यही कहती थी कि ..... "अरे जिंदगी तो एक ही मिली है। मेरे मरने के बाद मुझे कौन याद करने वाला है ? और उसका मुझे क्या फायदा मिलेगा ? जीते जी मैं अपने शौक तो खुद ही पूरे करूंगी ना, मुझे क्या चाहिए, यतो सिर्फ मैं ही जान सकती हूं, बता सकती हूं ना और जहां तक हो सकता है मैं दूसरों की इच्छाओं का और अपने कर्तव्यों

बैल-Bail aur hal best hindi story-children read first-motiva

बैल और हल https://pyarastick.blogspot.com/2020/07/chidiya-aur-chuhiya-hindi-story.html बैल और हल:- काफी समय पहले की बात है। एक गांव में एक किसान रहता था। वह रोज़ सुबह हल और अपने बैलों के साथ खेत पर पहुंच जाता। खेतों को जोतता-बोता। खूब मेहनत करता। उसके खेत भी सोना उगलते थे। भरपूर फसल होती जिसे बेच कर किसान आराम से रहता था।       किसान बहुत अच्छा था। वह बैलों की भी खूब सेवा करता। रोज़ हरी-हरी घास खिलाता। उन्हें नहलाता फिर उनकी मालिश करता। इससे उसके बैल भी खूब तंदुरूस्त हो गये थे। किसान ने उनके गले में सुंदर सी घंटिया बांध दी थीं। जब वे चलते तो घंटियों की आवाज़ सुन उसे बहुत अच्छा लगता।       किसान हल का भी बहुत ध्यान रखता था। रोज़ उसकी धूल साफ करके उन्हें चमकाता। तीज-त्योहारों पर उनकी पूजा करता।       धीरे-धीरे बैलों और हल को अपने-अपने ऊपर बहुत घमंड हो गया। बैलों को लगता कि किसान के घर खुशहाली उनके कारण है। अगर वे खेत जोतने न जायें तो वहां एक दाना भी पैदा न होगा। बैल और हल:- उधर हल को लगता कि खेतों की असली जुताई तो वे करते हैं। बैल तो खाली खेत में टहलते रहते हैं।      एक दिन दोनों में बहस हो

Chidiya aur chuhiya hindi story-everyone read- inspired

चिड़िया और चुहिया Chidiya aur chuhiya https://pyarastick.blogspot.com/2020/07/dina-ka-dost-chidiya-hindi.html Chidiya aur chuhiya :- एक बार एक पेड़ पर एक चिडि़या रहती थी । उसके पास ही पेड़ की जड़ों में एक बिल था । उसमें एक चुहिया रहती थी । दोनों का घर पास-पास होने के कारण दोनों एक-दूसरे की पक्की सहेली थी । एक दिन चुहिया ने चिडि़या से कहा-क्यों री Chidiya आज कितना सुहाना मौसम हैं । कहीं घुम कर आया जाए ? Chidiya ने उसका सुझाव मान लिया और दोनों निकल पड़ी घुमने । चलते-चलते चुहिया, चिडि़या की तरफ ऊपर देखकर चल रही थी तो एक कुएं में जा गिरी । चिडि़या यह देखकर कुएं की मुंडेर पर बैठ गई । चुहिया ने कहा- अबकी चुहिया ने कहा-अरी चिडि़या बहन अबकी बार और बचा लो, मेरे मामा जब आयेंगे तो खिल पतासे लायेगंे मैं तुझे भी दूंगी । मुझे बाहर निकालो, मैं डुबकर मर जाऊंगी । चिडि़या ने कुएं के पास पड़ी रस्सी को कुएं में डाल दिया । जिस पर चढ़कर चुहिया बाहर आ गई । चुहिया, Chidiya  के गले मिली और धन्यवाद देते हुए आगे चल पड़ी । https://pyarastick.blogspot.com/2020/07/fearless-dog-one-of-best-story-for.html Chidiya a

दीना का दोस्त चिड़िया -DINA KA DOST CHIDIYA- Hindi inspirational story

दीना का दोस्त चिड़िया DINA KA DOST CHIDIYA https://pyarastick.blogspot.com/2020/07/khusi-ka-dakhila-beautifull-hindi-story.html दीना बहुत सीधा-सादा मेहनत करने वाला किसान था। वह इस दुनिया में एकदम अकेला था क्योंकि उसके माँ-बाप बचपन में ही मर गये थे। वह दिन भर खेतों में मेहनत करता और शाम को सूखी रोटी खा कर सो जाता। उसके के घर के पीछे अमरूद के पेड़ों का एक बड़ा-सा बगीचा था। उस बगीचे के हर पेड़ में फलने वाले अमरूद बहुत मीठे होते। दीना अक्सर खेत के काम से खाली होने पर उस बगीचे में जाकर आराम करता। एक दिन दोपहर में दीना अमरूद के बगीचे में एक पेड़ के नीचे लेटा था। अचानक एक बहुत सुन्दर सी छोटी चिड़िया उसे सामने के पेड़ पर दिखायी पड़ी।   उसने सोचा यह चिड़िया तो बहुत सुन्दर है।मैं क्यों न इसे पकड़ कर घर ले चलूं और पिंजरे में पाल लूँ। बस यह बात दिमाग में आते ही वह पेड़ के पास पहुंचा और हाथ बढ़ा कर उसने चिड़िया को पकड़ लिया। चिड़िया उसके हाथ में तड़पने लगी। दीना बोला ‘‘चिड़िया रानी अब तुम मेरे घर चल कर आराम से रहो। https://pyarastick.blogspot.com/2020/07/best-motivational-hindi-story-for-all.html DINA

खुशी का दाख़िला-Khusi ka dakhila-beautifull hindi story for children

खुशी का दाख़िला Khusi ka dakhila https://pyarastick.blogspot.com/2020/07/race-motivational-story-in-hindi.html खुशी का दाख़िला - घर से बाहर के पहले नन्हें पैरों के छोटे कदमों से खुशी ने स्कूल तक की दूरी पापा की साईकिल के पीछे के कैरियर पर बैठकर नापी थी। वह पहला दृश्य था जिससे खुशी टकराई और उसका भरपूर मज़ा भी लिया। घर की अलबम में रहने वाली फोटो की बजाय कुछ बड़े आकार के जीवंत फोटो देखने की तैयारी थी। इस फोटो में न दीवाली थी और न उसका जन्मदिन,न किसी की शादी थी न ही कुतुब मीनार और न ही इंडिया गेट के सैर सपाटे वाली फोटो। ये तो उसके स्कूल के पहले जीवंत और ताज़ा दृश्य थे जो उसके दाख़िले से जुड़े हुए थे। अप्रैल की इस सुबह में धूप के छींटें अभी तक नहीं बिखरे थे और लगभग आगे भी दिन ऐसे ही चलने वाले थे। धूप छांव को मिलाकर बनने वाले दिन ही बन रहे थे। उसके दीदी और भैया का रिज़ल्ट आ गया था। उसकी दरम्याने क़द की माँ खुश थीं कि वे दोनों पास हो गए थे पर उ पिता को बेटे की रिपोर्ट कार्ड पर अंग्रेज़ी विषय में दिया गया प्रमोशन पसंद नहीं आया। खुशी का दाख़िला:- बेटे की घरेलू क्लास इस बात पर काफी देर लगाई गई थी।  खुशी

फेसबुक सोशियल मीडिया का राजकुमार- kya Facebook social media ka Rajkumar

फेसबुक सोशियल मीडिया का राजकुमार ? https://pyarastick.blogspot.com/2020/07/--ek-anokha-khani.html फेसबुक:-  रात के बारह बज रहे थे। चारों ओर सन्नाटा छाया हुआ था। पढ़ाई पूरी करने के बाद देवांग गहरी नींद में सो रहा था। उसका स्मार्ट फोन मेज़ पर रखा हुआ था। अचानक स्मार्ट फोन से ‘एस.एम.एस.’ बाहर निकला और हाथ नचाते हुये बोला,‘‘ मैं हूं सोशल मीडिया का राजकुमार। पहले लोगों का संदेश पहुंचाने में हफ्तों लगते थे लेकिन मैं पलक झपकते ही संदेश पहुँचा देता हूँ। इसलिये मैं हुआ सोशल मीडिया का राजकुमार ।’’ ‘‘राजकुमार नहीं तुम सोशल मीडिया के बंदर हो बंदर’’ तभी फेसबुक ने स्मार्टफोन से बाहर निकलते हुए कहा। ‘‘तुमने मुझे बंदर क्यूं कहा?’’ एस.एम.एस ने मुँह बनाया। ‘‘तुम्हारा न कोई रूप न कोई रंग। बस तुम दुनिया में थोड़ा पहले आ गये थे इसलिये तुम्हारी तुलना इन्सानों के पूर्वज बंदरों से की जा सकती है ’’ फेसबुक हंसा फिर बोला,‘‘ सोशल मीडिया का असली राजकुमार तो मैं हूँ। पूरी दुनिया में अरबों लोग मेरे दीवाने हैं। मैं न केवल उनके संदेश पहुँचाता हूँ बल्कि उनकी फोटो, वीडियो, आडियो सब कुछ पहुँचाता हूँ ।’’ ‘‘लेकिन फटाफट सं

बांसुरी वाला Best motivational hindi story for all of you

बांसुरी वाला https://pyarastick.blogspot.com/2020/07/to-think-before-reacting-in-hurry-hindi.html बांसुरी वाला :- प्रधानाध्यापक ने घड़ी की ओर दृष्टि उठायी । भोजनावकाश का समय हो चुका था किन्तु चपरासी ने अभी तक स्कूल की घंटी नहीं बजायी थी। वे चपरासी को आवाज देने जा ही रहे थे कि तभी बांसुरी की लंबी तान सुनायी पड़ी। इसी के साथ जैसे चपरासी की नींद टूट गयी। उसने दौड़ कर भोजनावकाश की घंटी बजा दी। सारे बच्चे शोर मचाते हुये बांसुरी वाले की ओर दौड पडे । वो बांसुरी वाला 12 वर्ष का एक लड़का था।छोटी सी बांसुरी से ऐसी मधुर धुन निकालता कि बच्चे झूम उठते। पिछले कुछ महीनों से वो भोजनावकाश के समय स्कूल के बाहर आ जाता था। चपरासी भले ही घंटी बजाना भूल जाये लेकिन ठीक 11 बजे उसकी बांसुरी बजने लगती थी। उसके बाद बच्चों को कक्षा में रोक पाना मुश्किल होता था। बांसुरी वाले ने स्कूल के बच्चों पर जैसे जादू सा कर दिया था। अपना-अपना टिफिन लेकर वे उसके पास पहुंच जाते और उसे घेर कर बैठ जाते। वो झूम-झूम कर बांसुरी बजाने लगता तो समय का पता ही नहीं चलता। बांसुरी की धुन पर कई बच्चे तो नाचने भी लगते थे। भोजनावकाश समाप्त होन

प्रतिक्रिया करने से पहले सोचें- To think before reacting in hurry hindi story

    जल्दी में प्रतिक्रिया करने से पहले सोचें https://pyarastick.blogspot.com/2020/07/mother-in-old-age-home-hindi-story-must.html प्रतिक्रिया करने से पहले सोचें :- शादी के दो साल बाद, एक युवक परदेस चला गया और उसने अपने पिता से व्यवसाय की इच्छा व्यक्त की। जब पिता ने मंजूरी दे दी, तो उन्होंने अपने माता-पिता को गर्भवती कर दिया और व्यवसाय करने चले गए। विदेशों में कड़ी मेहनत के माध्यम से बहुत पैसा कमाया। पैसे कमाने के 17 साल बाद, संतोष था और घर लौटने की इच्छा थी। जहाज में बैठकर आने के लिए पत्नी को पत्र लिखा। उन्हें जहाज में एक व्यक्ति मिला जो उदास मन से बैठा था। जब सेठ ने उसकी उदासी का कारण पूछा, तो उसने बताया कि इस देश में ज्ञान का कोई मूल्य नहीं है। मैं यहां ज्ञान के स्रोत बेचने आया था, लेकिन कोई इसे लेने के लिए तैयार नहीं है। सेठ ने सोचा कि मैंने इस देश में बहुत पैसा कमाया है। यह मेरी कर्मभूमि है। इसका मूल्य रखा जाना चाहिए। उन्होंने ज्ञान के स्रोतों को खरीदने की इच्छा व्यक्त की। उस व्यक्ति ने कहा- मेरे ज्ञान सूत्र की कीमत 500 स्वर्ण मुद्राएं हैं। https://pyarastick.blogspot.com/2020/07/s

श्री कृष्ण ने अर्जुन को बताया - Formula to be happy and rich- hindi story

सुखी और समृद्ध होने का सूत्र Formula to be happy and rich    https://pyarastick.blogspot.com/2020/07/kalyug-me-kya-hone-wala-he-part-of.html   श्री कृष्ण और अर्जुन एक यात्रा पर निकले, तो उन्होंने सड़क पर एक गरीब ब्राह्मण को पैसे की भीख माँगते देखा…। अर्जुन ने उस पर दया की और ब्राह्मण को सोने के सिक्कों से भरी एक पोटली दी। यह प्राप्त करने के बाद, ब्राह्मण अपने खुशहाल भविष्य का सुखद सपना लेकर घर लौट आया। लेकिन उसका दुर्भाग्य उसके साथ चल रहा था, एक डाकू ने उससे बंडल छीन लिया। ब्राह्मण दुखी हो गया और फिर से भीख मांगने में लग गया।  अगले दिन फिर जब अर्जुन की दृष्टि उस ब्राह्मण पर पड़ी, तो उन्होंने उससे इसका कारण पूछा।  उन ब्राह्मण ने अर्जुन को सारी बात बताई, ब्राह्मण की पीड़ा सुनकर अर्जुन को फिर से उस पर दया आ गई और अर्जुन ने इस पर विचार किया और इस बार उन्होंने ब्राह्मण को एक मूल्यवान माणिक दिया। ब्राह्मण अपने साथ एक पुराने घड़े को अपने घर ले गया जिसका उपयोग लंबे समय से नहीं किया गया था, ब्राह्मण ने चोरी के डर से माणिक को घड़े में छिपा दिया। लेकिन उसकी बदकिस्मती, दिन भर की थकान के कारण उसे न

वृंदा कैसे बनी तुलसी-Brunda kaise bani tulsi- puranik story padhiye

वृंदा कैसे बनी तुलसी वृंदा कैसे बनी तुलसी - पौराणिक काल में एक लड़की थी। नाम था वृंदा। उनका जन्म दानव वंश में हुआ था। भगवान विष्णु के बचपन से वृंदा बड़ा भक्त था। बड़े प्रेम से भगवान की पूजा करते थे। जब वह बड़ी हो गई, तो उसकी शादी दानव कुल में हुई दानव राज जालंधर से गुजरा, जालंधर की उत्पत्ति समुद्र से हुई थी। वृंदा एक बहुत ही समर्पित महिला थी, हमेशा अपने पति की सेवा करती थी। वृंदा कैसे बनी तुलसी:- एक बार  देवताओं और राक्षसों ने युद्ध किया जब जालंधर युद्ध में जाने लगा, तो वृंदा ने कहा - मालिक तुम युद्ध करने जा रहे हो जब तक तुम युद्ध में हो, मैं पूजा में बैठूंगा और तुम्हारी जीत के लिए अनुष्ठान करूंगा, तथा जब तक तुम लौटोगे मैं अपना संकल्प नहीं छोड़ूंगा जालंधर फिर युद्ध में चले गए और उसने व्रत का संकल्प लेकर पूजा में बैठ गईं। उनके व्रत के प्रभाव से देवता जालंधर नहीं जीत सके। जब सभी देवता हारने लगे, तो वे भगवान विष्णु के पास गए। हर कोई जब उन्होंने भगवान से प्रार्थना की, भगवान ने कहा - वृंदा मेरी परम भक्त है। https://pyarastick.blogspot.com/2020/07/hindi-story-for-readers.html वृंदा कैसे बनी

ईश्वर को छोड़ दो या ईश्वर के ऊपर छोड़ दो hindi story for readers

ईश्वर को छोड़ दो या ईश्वर के ऊपर छोड़ दो       https://pyarastick.blogspot.com/2020/07/prem-ke-liye-dodna-hi-parta-he-hindi.html ईश्वर को छोड़ दो या ईश्वर के ऊपर छोड़ दो :- एक प्रसिद्ध कैंसर स्पैश्लिस्ट था|नाम था मार्क, एक बार किसी सम्मेलन में भाग लेने लिए किसी दूर के शहर जा रहे थे। वहां उनको उनकी नई मैडिकल रिसर्च के महान कार्य के लिए पुरुस्कृत किया जाना था। वे बड़े उत्साहित थे, व जल्दी से जल्दी वहां पहुंचना चाहते थे। उन्होंने इस शोध के लिए बहुत मेहनत की थी। बड़ा उतावलापन था, उनका उस पुरुस्कार को पाने के लिए। जहाज उड़ने के लगभग दो घण्टे बाद उनके जहाज़ में तकनीकी खराबी आ गई, जिसके कारण उनके हवाई जहाज को आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी। डा. मार्क को लगा कि वे अपने सम्मेलन में सही समय पर नहीं पहुंच पाएंगे, इसलिए उन्होंने स्थानीय कर्मचारियों से रास्ता पता किया और एक टैक्सी कर ली, सम्मेलन वाले शहर जाने के लिए। उनको पता था की अगली प्लाईट 10 घण्टे बाद है। टैक्सी तो मिली लेकिन ड्राइवर के बिना इसलिए उन्होंने खुद ही टैक्सी चलाने का निर्णय लिया। जैसे ही उन्होंने यात्रा शुरु की कुछ देर बाद बहुत तेज, आंधी-तूफा

युधिष्ठर को आभास था kalyug me kya hone wala he -part of Mahabharata

युधिष्ठर को आभास था कलुयुग में क्या होगा https://pyarastick.blogspot.com/2020/07/prem-ke-liye-dodna-hi-parta-he-hindi.html   युधिष्ठर को आभास था:- पाण्डवो का अज्ञातवाश समाप्त होने मे कुछ समय शेष रह गया था। पाँचो पाण्डव एवं द्रोपदी जंगल मे छूपने का स्थान ढूढं रहे थे, उधर शनिदेव की आकाश मंडल से पाण्डवों पर नजर पडी शनिदेव के मन मे विचार आया कि इन सब मे बुधिमान कौन है परिक्षा ली जाय। देव ने एक माया का महल बनाया कई योजन दूरी मे उस महल के चार कोने थे, पूरब, पश्चिम, उतर, दक्षिन। अचानक भीम की नजर महल पर पडी और वो आकर्सित हो गया , भीम, यधिष्ठिर से बोला-भैया मुझे महल देखना है भाई ने कहा जाओ । पाण्डवो भीम महल के द्वार पर पहुँचा वहाँ शनिदेव दरबान के रूप मे खड़े थे, भीम बोला- मुझे महल देखना है! शनिदेव ने कहा-महल की कुछ शर्त है 1-शर्त महल मे चार कोने आप एक ही कोना देख सकते है। 2-शर्त महल मे जो देखोगे उसकी सार सहित व्याख्या करोगे। 3-अगर व्याख्या नही कर सके तो कैद कर लिए जावोगे। भीम ने कहा- मै स्वीकार करता हूँ ऐसा ही होगा और वह महल के पूर्व क्षोर की और गया वहां जाकर उसने अधभूत पशु पक्षी और फुलों एवं फ

वृद्धाश्रम में मां हिंदी स्टोरी Mother in old age home hindi story must read

     वृद्धाश्रम में मां https://pyarastick.blogspot.com/2020/07/pati-ka-mahatwa-best-hindi-story-for.html वृद्धाश्रम में मां हिंदी स्टोरी :- कल रात एक ऐसा वाकया हुआ जिसने मेरी ज़िन्दगी के कई पहलुओं को छू लिया. करीब 7 बजे होंगे, शाम को मोबाइल बजा । उठाया तो उधर से रोने की आवाज़…. मैंने शांत कराया और पूछा कि भाभीजी आखिर हुआ क्या? उधर से आवाज़ आई.. आप कहाँ हैं और कितनी देर में आ सकते हैं ? मैंने कहा:-“आप परेशानी बताइये..!” और “भाई साहब कहाँ हैं…?माताजी किधर हैं..?” “आखिर हुआ क्या…?” लेकिन उधर से केवल एक रट कि आप आ जाइए, मैंने आश्वाशन दिया कि कम से कम एक घंटा लगेगा. जैसे तैसे पूरी घबड़ाहट में पहुँचा. देखा तो भाई साहब (हमारे मित्र जो जज हैं) सामने बैठे हुए हैं. भाभीजी रोना चीखना कर रही हैं,13 साल का बेटा भी परेशान है. 9 साल की बेटी भी कुछ नहीं कह पा रही है. मैंने भाई साहब से पूछा कि आखिर क्या बात है. भाई साहब कोई जवाब नहीं दे रहे थे. फिर भाभी जी ने कहा ये देखिये तलाक के पेपर, ये कोर्ट से तैयार कराके लाये हैं, मुझे तलाक देना चाहते हैं, मैंने पूछा -ये कैसे हो सकता है. इतनी अच्छी फैमिली है. 2