एक बूढ़ा आदमी गाँव में रहता था
( An Old Man Lived in the Village in Hindi)
एक बूढ़ा आदमी गाँव में रहता था। वह दुनिया के सबसे दुर्भाग्यपूर्ण लोगों में से एक था।
पूरा गांव उससे थक गया था; वह हमेशा उदास था, वह लगातार शिकायत और हमेशा बुरे मूड में था।
जितना अधिक वह रहता था, उतना ही बदमिजाजी वह बन रहा था
और उसके बातों को अधिक जहरीला बना रहा था। लोग उससे दूर रहते थे। क्योंकि उसकी दुर्भाग्य संक्रामक हो गई था।
यह भी अप्राकृतिक था और उसके सामने खुश होना
अपमानजनक था। उन्होंने दूसरों में नाखुशी की भावना पैदा की।
लेकिन एक दिन, जब वह अस्सी साल का हो गया, तो एक अविश्वसनीय बात हुई। तुरंत सभी ने अफवाह सुननी शुरू कर दी:
" एक बूढ़ा आदमी आज खुश है, वह किसी भी चीज के बारे में शिकायत नहीं करता है, मुस्कुराता है, और यहां तक कि उसका चेहरा भी ताजा हो जाता है। "
पूरा गाँव इकट्ठा हो गया। बूढ़े आदमी से पूछा गया:
गांव वाले: आपको क्या हुआ?
"कुछ खास नहीं। अस्सी साल तक मैं खुशी का पीछा कर रहा था, और यह बेकार था।
और फिर मैंने खुशी के बिना जीने का फैसला किया और बस जीवन का आनंद लिया। इसलिए मैं अब खुश हूं। "
कहानी का नैतिक:(एक बूढ़ा आदमी गाँव में रहता था)
खुशी का पीछा मत करो। जीवन का आनंद लो।
एक बूढ़ा आदमी गाँव में रहता था
( An Old Man Lived in the Village in Hindi)
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