मुझे किसने धक्का दिया
मुझे किसने धक्का दिया - एक बार की बात है, एक शहर में एक बहुत अमीर आदमी रहता था। उसे एक अजीब सा शौक था।
उनके घर के अंदर बने एक बड़े स्विमिंग पूल में बड़े सरीसृपों के पाले हुए थे ; जिसमें एक से अधिक सांप, मगरमच्छ, घड़ियालआदि शामिल थे।
एक बार वह अपने घर पर एक पार्टी देता है। बहुत से लोग उस पार्टी में आते हैं।
खाने और पीने के बाद, वह सभी मेहमानों को स्विमिंग पूल में ले जाता है और कहता है -
"दोस्तों, आप इस पूल को देख रहे हैं, इसमें एक से एक खतरनाक जीव हैं, अगर आप में से कोई भी तैर कर पार कर लेता है, तो मैं उसे 1 करोड़ रुपये या अपनी बेटी का हाथ दूंगा ...।"
हर कोई पूल को देखता है लेकिन कोई भी इसे पार करने की हिम्मत नहीं करता है ।
लेकिन तभी छपाक से आवाज आती है और एक लड़का उसमें कूद जाता है।
और मगरमच्छ, सांप, इत्यादि से बचता हुआ पूल पार कर जाता है।
उसकी बहादुरी को देखकर सभी लोग चौंक जाते हैं।
अमीर आदमी को भी यकीन नहीं होता है कि कोई भी ऐसा कर सकता है।
इतने वर्षों में, किसी ने भी पूल को पार करना तो दूर उसका पानी को छूने की हिम्मत नहीं की है!
वो उस लड़के को बुलाता है...
लड़का, आज तुमने बहुत साहस किया, तुम सच में बहादुर हो, मुझे बताओ कि तुम्हें क्या इनाम चाहिए।
लड़के ने कहा, "अरे, मैं पुरस्कार-पुरस्कार लेता रहूंगा, पहले यह बताओ कि मुझे किसने धक्का दिया ..।"
मुझे किसने धक्का दिया -
दोस्तों, यह एक छोटा सा मजाक था। लेकिन इसमें एक बहुत बड़ा संदेश छिपा है -
लड़के में स्विमिंग पूल को तैरने और पार करने की क्षमता थी, लेकिन वह अपने दम पर कूद नहीं पाया, जब किसी ने धक्का दिया, तो वह कूद गया और पार कर गया।
अगर कोई उसे धक्का नहीं देता, तो उसने कभी भी कूदने या पूल पार करने के बारे में नहीं सोचा होता।
लेकिन अब उनकी जिंदगी हमेशा के लिए बदल चुकी थी ।
इस तरह, हमारे अंदर कई प्रतिभाएँ छिपी हुई हैं जब तक हम आत्मविश्वास और जोखिम उठाने की हिम्मत नहीं करते हैं, तब हम जीवन की ऐसी कई चुनौतियों में कूदे बगैर ही हार मान लेते हैं।
हमें अपनी क्षमता पर विश्वास करने और जीवन में अवसरों का लाभ उठाने की आवश्यकता है।
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