रॉबर्टो किस नज़रिये से देखते हैं
रॉबर्टो किस नज़रिये से देखते हैं - एक बार जब रॉबर्टो ने एक टूर्नामेंट जीता, तो वह पुरस्कार मे मिली चेक लेकर ड्रेसिंग रूम में गया और वहां काफी समय बिताया।
जब वे बाहर निकले, तो सभी लोग चले गए थे।
वे इत्मीनान से पार्किंग स्थल पर गए और अपनी कार में बैठने ही वाले थे कि एक महिला उनके पास आई और बोली,
सर, मेरे पास नौकरी नहीं है। मेरा बच्चा बहुत बीमार है।
वह मरने वाला है और मेरे पास अस्पताल और डॉक्टरों के खर्चे के लिए भी पैसे नहीं हैं।
रॉबर्टो उस महिला की फ़रियाद से पिघल गए ।
और तुरंत उन्होने अपना जीता चेक महिला को दे दिया।
रॉबर्टो किस नज़रिये से देखते हैं -
अगले हफ्ते वह कंट्री क्लब गया।
वहां कोई पी. जी. अधिकारी ने उन्हे बताया कि उसे धोखा दिया गया हे ।
उस महिला का कोई बच्चा नहीं है, यहां तक कि वह शादीशुदा भी नहीं है।
रॉबर्टो ने कहा, "आपका मतलब है कि कोई बीमार बच्चा नहीं है!"
हां, आपने सही सुना ”, अधिकारी ने कहा।
रॉबर्टो ने कहा, "क्या बात है, यह मेरे लिए साल की सबसे अच्छी खबर है।"
रॉबर्टो किस नज़रिये से देखते हैं -
दोस्तों, कल्पना कीजिए कि इस महान गोल्फर के दिल में कितनी करुणा होगी।
जो ठगा जाने से दुखी नहीं था लेकिन खुश था कि ऐसा कोई बीमार बच्चा नहीं है।
और यह भी नहीं था कि वे दिखावा कर रहे थे।
इससे पता चलता है कि रॉबर्टो वास्तव में एक बहुत ही दयालु और सकारात्मक दृष्टिकोण का व्यक्ति है।
हमें भी इस तरह का ऐटिट्यूड विकसित करने की कोशिश करनी चाहिए।
क्योंकि वास्तव में हमारी खुशी इस बात पर निर्भर नहीं करती है कि हमारे साथ क्या हुआ है।
लेकिन इस बात पर निर्भर करता है जो हुआ उसे हम किस नज़रिये से देखते हैं ।
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