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सपनों का घर - sapno ka ghar hindi motivational story with moral

सपनों का घर

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सपनों का घर - एक किसान एक शहर से दूर अपने गांव में रहता था। वैसे तो वह संपन्न था, लेकिन वह अपने जीवन से खुश नहीं था।

एक दिन उसने फैसला किया कि वह अपनी सारी ज़मीन बेच कर किसी अच्छी जगह बस जाएगा ।

अगले दिन उसने एक रियल एस्टेट एजेंट को बुलाया और कहा,

भाई, मुझे बस इस जगह को किसी भी तरह छोड़ना है, बस कोई सही प्रॉपर्टी दिला दो!

क्यों, तुम को यहाँ क्या परेशानी हो गया हे ? ", एजेंट ने पूछा।

मेरे साथ आओ ", किसान ने कहा,

देखो कि यहां कितनी समस्याएं हैं, इन उबड़-खाबड़ रास्ते देखो , और इस छोटी झील को देखें, इसके चक्कर में पूरा घूम कर रास्ता पार करना पड़ता है।

इन छोटे पहाड़ों को देखो, जानवरों को चराने में कितना मुश्किल होता है।

और इस बगीचे को देखें, आधा समय केवल इसकी सफाई और रख-रखाव में जाता है।

मै क्या करू ऐसी बेकार प्रॉपर्टी का ।

एजेंट ने इस क्षेत्र को घूमकर जायजा लिया और कुछ दिनों बाद एक ग्राहक के साथ आने का वादा किया।

इस घटना के एक - दो दिन बाद, किसान समाचार पत्र पढ़ रहा था कि कहीं किसी अच्छी प्रॉपर्टी का पता चल जाए जहाँ वो सब बेच -बाच कर जा सके।

सपनों का घर -

तब ही उसको एक आकर्षक एड दिखा ।

लें सपनो का घर, एक शांत सुन्दर जगह, प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर, सुंदर झील और पहाड़ियों के बीच ले लो एक सपनों का घर।

संपर्क करें - *******

किसान ने इस विवरण को बहुत पसंद किया, उसने बार-बार पढ़ना शुरू कर दिया।

लेकिन थोड़ा ध्यान देने के बाद, उसने महसूस किया कि यह उशिकाही ही संपत्ति है।

यह पुष्टि करने के लिए उसने नंबर पर फोन किया और वास्तव में ये इसकी संपत्ति थी।

तब किसान को एहसास हुआ कि वह वास्तव में अपनी मनचाही स्थान पर रहता है।

और यह उसकी गलती थी कि वह हमेशा गलत तरीके से अपनी ही चीजों को गलत ढंग से देखा रहा था।

अब किसान वहीँ रहना चाहता था; उसने तुरंत अपने एजेंट को बुलाया और इस ऐड को हटाने के लिए कहा।

सपनों का घर -

दोस्तों, इस किसान की तरह, कई बार हमारे जीवन से भी बहुत शिकायतें होती हैं।

ऐसा लगता है कि हमारा जीवन सबसे बेकार है, हमारा काम सबसे अधिक दबाव है।

लेकिन क्या आपने कभी अपने जीवन को दूसरों की आंखों से देखने की कोशिश की है?

क्या आपके जीवन में इतना समस्याग्रस्त है या आपने इसे इस तरह से बनाया है?

 किसान की तरह, आप अपने जीवन की सुंदरता को भी अनदेखा तो नहीं कर रहे हैं?

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