गन्दा तालाब का मेंढक
गन्दा तालाब का मेंढक - फ्रेडी मेंढक एक तालाब के पास से गुजर रहा था कि उसने किसी की दर्दनाक आवाज सुनी।
जब उसने रुककर देखा तो फ्रैंक नाम का एक मेंढक उदास बैठा हुआ था।
क्या हुआ, तुम इतने उदास क्यों हो?" फ्रेडी ने पूछा।
देखोतो कितना गंदा है यह तालाब...यहाँ कितना कठिन है जीवन। फ्रैंक ने बोलना शुरू किया,
"पहले इतने सारे कीड़े और मकड़ियाँ हुआ करती थीं।
लेकिन अब शायद ही कुछ खा पाना संभव हो पाता है... अब भूख से मरने का समय आ गया है।"
फ्रेडी ने कहा, "मैं पास के एक तालाब में रहता हूं, यह साफ है और बहुत सारे कीड़े और मकौड़े हैं, आओ तुम भी वहाँ चलो ।"
"काश यहाँ ही बहुत सारे कीड़े होते, तो मुझे यहाँ से हिलना नहीं पड़ता।", फ्रैंक ने निराशा में कहा।
गन्दा तालाब का मेंढक -
फ्रेडी ने समझाया, "लेकिन अगर आप वहां चलते हैं तो आप भरा पेट कीड़े खा सकते हैं!"
काश मेरी जीभ इतनी लंबी होती कि मैं यहां बैठे-बैठे दूर-दूर से कीड़ों को पकड़ पाता... और मुझे यहां से हिलना नहीं पड़ता..", फ्रैंक ने निराशा में कहा।
फ्रेडी ने फिर समझाया, "तुम यह भी जानते हैं कि तुम्हारी जीभ कभी भी इतनी लंबी नहीं हो सकती।
इसलिए फालतू की बातें सोच कर परेशान होने से अच्छा है, जो हाथ में है वो करो... उठो मेरे साथ चलो।
अभी वे बातें ही कर रहे थे कि एक बड़ा बगुला आकर तालाब के किनारे बैठ गया।
वाह, अब परेशानी कम थी कि यह बगुला मुझे खाने आया है... अब मेरी मौत निश्चित है...", फ्रैंक ने लगभग रोते हुए कहा।
"“घबराओ नहीं जल्दी करो, मेरे साथ आओ, वहाँ कोई बगुला नहीं है ...", फ्रेडी ने उछलते हुए कहा।
फ्रैंक उसे जाते हुए देख रहा था कि बगुले ने उसे अपनी चोंच में पकड़ लिया।
मरते हुए फ्रैंक खुद सोच रहा था कि दूसरे मेंढक कितने भाग्यशाली हैं!
गन्दा तालाब का मेंढक -
दोस्तों बहुत से लोग फ्रैंक की तरह होते हैं।
वे अपनी वर्तमान स्थिति से खुश नहीं हैं, लेकिन वे इसे बदलने के लिए हिलना भी नहीं चाहते हैं।
वे अपनी नौकरी, व्यवसाय, पर्यावरण, सब कुछ के बारे में शिकायत करते हैं, दोष ढूंढते हैं, और उन्हें बदलने का कोई प्रयास नहीं करते हैं।
और आश्चर्य की बात ये है कि, वह स्वयं जानता है कि उसका जीवन कैसे बदल सकता है; लेकिन वे कोई प्रयास नहीं करते।
और ऐसे ही एक दिन वे सस्ते में दुनिया छोड़कर चले जाते हैं।
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