हमें लगता है कि सबसे बड़ी समस्या हमारी है
सबसे बड़ी समस्या - बहुत समय पहले की बात है कि एक महान विद्वान पंडित हिमालय की पहाड़ियों में कहीं रहता था।
वह लोगों के बीच रहकर थक गया था और अब ईश्वर की भक्ति करते हुए एक सादा जीवन जीना चाहता था।
लेकिन उनकी प्रसिद्धि इतनी थी कि लोग दुर्गम पहाड़ियों, संकीर्ण रास्तों, नदी झरनों को पार कर भी उनसे मिलना चाहते थे।
उनका मानना था कि यह विद्वान पंडित उनकी हर समस्या का समाधान कर सकता है।
इस बार भी कुछ लोग उनकी तलाश में उसकी झोपड़ी में आए।
पंडित जी ने उन्हें प्रतीक्षा करने को कहा।
तीन दिन बीत गए हैं। अब और भी बहुत लोग वहाँ पहुँच गए।
जब लोगों के लिए जगह कम पड़ने लगी, तब पंडित जी ने कहा,
आज मैं आपके सभी सवालों का जवाब दूंगा।
लेकिन आपको वादा करना होगा कि यहां से जाने के बाद आप इस जगह के बारे में किसी और को नहीं बताएंगे।
ताकि आज के बाद मैं एकांत में रहकर साधना कर सकूँ….. अपनी -अपनी समस्याएँ बताइये ।”
यह सुनते ही कोई अपनी परेशानी बताने लगा।
लेकिन वह कुछ ही शब्द बोल पाए कि बीच में कोई और बोलने लगा।
सबको पता था कि आज के बाद उन्हें कभी भी पंडित जी से बात करने का मौका नहीं मिलेगा।
इसलिए वे सभी जल्द से जल्द अपनी बात रखना चाहते थे।
देखते ही देखते वहां का नजारा मछली बाजार जैसा हो गया और आखिर में विद्वान पंडित जी को चिल्लाकर बोलना पड़ा,
कृपया शांत हो जाओ! एक पर्चे पर अपनी समस्या लिखें और मुझे दें।
सबसे बड़ी समस्या -
सबने अपनी-अपनी समस्या लिखी और आगे बढ़ा दिए ।
विद्वान पंडित जी ने सारे पर्चे ले कर एक टोकरी में रख दिया और मिला दिया और कहा,
इस टोकरी को एक दूसरे को पास करो, प्रत्येक व्यक्ति एक पर्ची उठाएगा और इसे पढ़ेगा।
उसके बाद उसे यह तय करना होगा कि क्या वह अपनी समस्या को इस समस्या से बदलना चाहता है?”
हर कोई एक पर्चा उठाता, पढ़ता और डर जाता।
एक-एक कर सभी ने पर्चियां देखीं, लेकिन कोई अपनी परेशानी के बदले किसी और की परेशानी लेने को तैयार नहीं था।
सब यही सोचते थे कि उनकी अपनी समस्या कितनी भी बड़ी क्यों न हो, यह अन्य लोगों की समस्या जितनी गंभीर नहीं है।
दो घंटे के बाद सभी लोग अपनी-अपनी पर्चियां हाथ में लेकर लौटे।
वे खुश थे कि उनकी समस्या उतनी बड़ी नहीं थी जितना उन्होंने सोचा था।
सबसे बड़ी समस्या -
दोस्तों, कौन होगा ऐसा कि जिसके जीवन में एक भी परेशानी ना हो?
हम सभी के जीवन में समस्याएं होती हैं, कुछ उनके स्वास्थ्य से परेशान होते हैं और कुछ धन की कमी के कारण होते हैं।
हमें इस बात को स्वीकार करना चाहिए कि अगर जीवन है तो छोटी-बड़ी समस्याएं आती ही रहेंगी।
ऐसे में अच्छा यही है कि दुखी न होकर इस बारे में सोचें कि हमें अपना ध्यान इसके समाधान पर लगाना चाहिए।
और अगर उसका कोई समाधान नहीं है, तो अन्य productive चीजों पर ध्यान दें।
हमें लगता है कि सबसे बड़ी समस्या हमारी है।
लेकिन इतना जरूर जान लो कि इस दुनिया में लोगों की इतनी बड़ी-बड़ी समस्या है कि उनके सामने हमारे समस्या कुछ भी नहीं है।
इसलिए ईश्वर ने जो कुछ भी आपको दिया है उसके लिए आभारी रहें ।
और एक सुखी जीवन जीने की कोशिश करें।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें