संत कबीर दास ने राजा की परीक्षा ली संत कबीर दास - सादा जीवन और उच्च विचार रखने वाले कबीर दास जी की ख्याति दूर-दूर तक फैली थी । और बनारस के राजा बीर सिंह भी कबीर दास जी के भक्तों में से एक थे। कबीरदास जब भी राजा से मिलने जाते तो राजा स्वयं कबीर दास जी के चरणों में बैठकर उन्हें गद्दी पर बैठा देते। संत कबीर दास - एक दिन कबीर दास ने सोचा कि बीर सिंह को परखा जाना चाहिए । क्या वह वास्तव में इतना बड़ा भक्त है जितना कि उसके व्यवहार से देखा जाता है । या सिर्फ एक दिखावा है। अगले ही दिन वे बनारस के बाजारों में एक मोची और एक महिला भक्त के साथ जो पहली वेश्या थी, राम नाम का जाप करते निकल पडे । और साथ ही हाथ में दो बोतलें थीं, जिनमें रंगीन पानी था। लेकिन वह शराब की तरह लग रही थी। ऐसा करके कबीर दास ने अपने शत्रुओं को उन पर उंगली उठाने का मौका दिया। पूरे शहर में उनका विरोध होने लगा । और हाथ में शारब की बोतलें लिए एक मोची और एक वेश्या के साथ शहर में घूमने की खबर राजा तक पहुंच गई। ईश्वर की खोज गुरुसे दो शब्द बोल सकते थे संत कबीर दास - कुछ समय बाद कबीर दास जी योजना के अनुसार शाही दरबार में पहुँचे।
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